Sunday, 19 February 2017

parellal circuit

  • parellal circuit



                          हेल्लो दोस्तों आज हम जानेंगे पेरेलल सर्किट के बारे में तो सबसे पहले स्वागत हे हमारे इस इलेक्ट्रिकल गुरूजी नाम के ब्लॉग पर तो आइये जानते हे क्या होती हे पेरेलल सर्किट 


  • पेरेलल सर्किट  :
                       मान लीजिये हमारे पास दो प्रकार के लोड हे जिसे हम लोड १ और लोड २ के नाम से जानेगे लोड १ के हमे दो कॉन्टेक्ट होंगे जिसे हम t १ और t २ से जानेंगे ठीक उसी तरह लोड़ २ के भी t १ और t २ मिलेंगे अब लोड १ और लोड २ के t १ को लेकर एक कॉन्टेक्ट बनया और ठीक उसी तरह लोड १ और लोड २ के t २ को मिलाकर दूसरा कॉन्टेक्ट बनाया जाये। और फिर दोनों कॉन्टेक्ट को प्रवाह के फेस और नूट्रल से जोड़ा जाये तो इस प्रकार से जो सर्किट तैयार होती हे उसे हम परेलल सर्किट कहते हे। इस प्रकार की सर्किट में वोल्टेज समान रहते हे पर करंट अलग अलग होते हे (प्रति लोड )

  • पेरेलल सर्किट के फायदे :
                   पैरेलेल सर्किट के बहोत फायदे होते हे इस प्रकार की सर्किट से सभी लोड को समान अवस्था में वोल्टेज मिलते हे ,जिससे सभी लोड अपनी कीमत अनुसार एम्पियर खर्च करते हे 
                   अपने मकान ,बिल्डिंग ,सभी जगह की वायरिंग पेरेलल सर्किट का बहेतर उदाहरण हे 






Saturday, 18 February 2017

what is DC (direct current)?

DC 

                     हेल्लो दोस्तों आज हम जानेंगे DC के बारे में हर कोई DC से परिचित हे पर उसे कोई समाज नही तो आइये आज जानते हे की DC हे क्या?

  • DC क्या हे ?:      DC का पूरा नाम हे डायरेक्ट करंट याने की सीधा प्रवाह अपने नाम के अनुसार ये सीधा बहेता होने से इसे DC कहा  गया हे। 
                                   जिस प्रवाह हे उसके बहने की दिशा और मूल्य एक ही हो याने की उसमे बदलाव न हो तो उस प्रवाह को DC प्रवाह कहा  जाता हे। 

  • DC का उपयोग :    DC का उपयोग हम अधिक प्रमाण में करते हे जैसे की mobiel,mp3playar,और ऐसे कई उपकरण जो चार्जिंग के संबधी हो या फिर जिसमे बैटरी हो ,अपनी हाथ की घड़ी भी dc पर ही चलती हे। रासायनिक और सेफ्टी डिवाइस में भी DC का बहोत बड़ा योगदान हे 
                                 DC में फेज और नूट्रल की बजाए +और - होते हे। 


Friday, 17 February 2017

what is Electromegnet?

ELECTROMEGNET

     






what is volt meter?

    what is volt meter ?




Tuesday, 14 February 2017

INDUCTION MOTOR

    AC  INDUCTION MOTOR 

     हेल्लो दोस्तों नमस्कार आजका हमारा विषय हे AC इंडक्शन मोटर उसका सिद्धान्त कार्य तो आइये जानते हे मोटर के बारे में 
         आजके युग में मोटर एक बहोत जरुरी उपकरण हे हमारे घर से ले कर बड़े बड़े कारखानों ,मीलो और बहोत सारी जगह पर  उपकरण आसानी ने  देखा जा सकता हे इंडक्शन मोटर 1phase से ले कर 3phase तक उपलब्ध होती हे 






  • सिद्धान्त :     इलेक्ट्रिकलक्ति का यांत्रिक शक्ति में रूपांतर मोटर इस सिद्धान्त पर कार्य करती हे

रचना : मोटर में कई सारे अलग अलग पार्ट होते हे जिसके बारे में हम चर्चा करेंगे 


इस चित्र में अलग अलग पार्ट्स दिखाए गए हे जिसमे से हम मुख्य पार्ट्स के बारे में जानेंगे 
  मोटर में  वेसे तो दो पार्ट्स होते हे 

१ स्थिर  पार्ट्स जिसमे 

  • योक ,: यह मोटर का उपयोगी पार्ट्स हे जो मोटर के ऊपर की तरफ होता हे वह एक हुक जैसा होता हे जिससे मोटर को एक जगह से दूसरी जगह आसानी से पहोचाया जाता हे वह एक सॉलिड पोलद  से बना हुआ होता हे 
  • बॉडी : मोटर की बॉडी भी पोलाद की बनी होती हे जिसमे मोटर के सारे  पार्ट्स समा जाते हे मोटर की बॉडी के दो कार्य होते हे एक तो मोटर के सरे पार्ट्स को एक करना और दूसरा मेग्नेटिक फिल्ड को बहाना 
  • स्टेटर :स्टेटर सिलिकॉन स्टील की पतली पट्टी से बना एक सेगमेंट होता हे जिसमे वाइंडिंग की जाती हे सिलिकॉन स्टील की पट्टी से स्टेटर गर्म कम होता हे और हमिंग भी काम होती हे 

  • स्टेटर वाइंडिंग : स्टेटर में जो वाइंडिंग होती हे उसे स्टेटर वाइंडिंग कही जाती हे वाइंडिंग के लिए सुपर एनेमल वायर का उपयोग किया जाता हे 
  • नेमप्लेट :मोटर की बॉडी के ऊपर एक प्लेट होती हे जिसमे मोटर की कंपनी उसकी क्षमता आदि लिखे रहेते हे 

  • टर्मिनल बॉक्स : टर्मिनल बॉक्स वह जगह होती हे जहा से बाहरी सप्लाई को मोटर से कनेक्ट किया जाता हे 
यह तो थे स्थिर पार्ट्स अब बात करते हे 
२ अस्थिर पार्ट्स 
अस्थिर पार्ट्स में बात करे तो गुमने वाले पार्ट्स याने की जो पार्ट्स गुमते हे और स्थिर नही होते वह 

  • बेरिंग :गुमती  हुए शाफ़्ट को दोनों सीरो से पकडे रख कर गुमाने के लिए बेरिंग का उपयोग होता हे एक मोटर में दो बेरिंग होती हे 
  •  शाफ़्ट :यह एक स्टिल की रोड होती हे जिस पर  रोटर और रोटर वाइंडिंग को टिकाया जाता हे 

  • रोटर :





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Sunday, 12 February 2017

FLAMING RIGHT HAND RULS

फ्लेमिंग के बाये हाथ का नियम ( Fleming Right Hand Ruls )




            हेल्लो दोस्तों आजका हमारे विषय हे फ्लेमिंग के बाये हाथ का नियम  ( fleming right hand rule in hindi ) इस नियम जनरेटर में किया जाता हे। इस नियम से हम जनरेटर में उत्पन्न होने वाले करंट की दिशा जान सकते हे तो आइये विस्तार से जानते हे 



                   चित्र में दिखाए गए अनुसार अपने बाये हाथ की पहेली उंगली ,दूसरी उंगली और अंगूठा ऐसी अवस्था में रखे की तीनो एक दूसरे के 90 ° पर रहे तब अंगूठा जनरेटर के आर्मेचर के गुमने की दिशा बताती हे पहेली  उंगली मेग्नेटिक फिल्ड की दिशा बताती हे तब दूसरी उंगली जनरेटर में उत्पन्न हुए करंट की दिशा बताएगी 
                         इस नियम को फ्लेमिंग नामक वैज्ञानिक ने खोजा था इस लिए इसे फ्लेमिंग के बाये हाथ के नियम से पहचाना जाता हे। 

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Saturday, 11 February 2017

FLEMING LAFT HANDS LOW

FLEMING LAFT HANDS LOW

                हेल्लो दोस्तों आजका हमारा विषय हे फ्लेमिंग के दाये हाथ का नियम ,यह नियम मोटर के लिए उपयोगी हे तो चलिए जानते हे इस नियम के बारे में विस्तार से 

  • FLEMING LAFT HANDS LOW:
   


                  इस नियम के अनुसार अपने दाये हाथ के पहेली उंगली ,दूसरी उंगली और अंगूठा ऐसी अवस्था में रखे जिससे तीनो एक दूसरे के 90 की डिग्री में हो तब दूसरी उंगली मोटर में बहनेवाले करंट की दिशा बताती हे ,और पहेली उंगली मोटर के मेग्नेटिक फिल्ड की दिशा बताती हे तब अंगूठा मोटर के गुमने की दिशा बताएगा 
                     इस नियम से हम मोटर के गुमने की दिशा आसानी से जान सकते हे और आर्मेचर किस दिशा में होगा वह और उसके मेग्नेटिक फिल्ड की दिशा भी जानते हे। 
                     इस नियम को फ्लेमिंग नामक वैज्ञानिक ने खोजा था इस लिए इस नियम का नाम वैज्ञानिक के नाम पर रखा गया 

Friday, 10 February 2017

Resistance (अवरोध )

RESISTANCE (अवरोध )

                  हेल्लो दोस्तों इलेक्ट्रिकल गुरूजी में आपका स्वागत हे। आज का  हमारा विषय हे रेसिस्टेन्स याने की अवरोध। तो आइये जानते हे अवरोध के बारे में 

  • रेसिस्टेन्स क्या हे ?:
                          मान लीजिये हम अपनी गाडी ले कर रोड पर जा रहे हे और रास्ते में अचानक स्पीड ब्रेकर आ जाता हे तो क्या होगा हमे हमारी गाड़ी को रोकना होगा इससे हमारी गाड़ी की स्पीड कम हो जाएगी ,ठीक इसी तरह अगर इलेक्ट्रिसिटी के रास्ते  में अगर स्पीड ब्रेकर आ जाये तो इलेक्ट्रिसिटी की स्पीड में भी गिरावट आती हे और इसी रुकावट और अवरोध को हम रेजिस्टेंस कह सकते हे जिसको नीचे की आकृति से दर्शाया हे रेस्सिस्टन्स का एकम R हे और उसे ओह्म से नापा  जाता हे। 

         


ये ओह्म   चिह्न हे। 





  1. रेसिस्टेन्स कैसे होता हे ?:
                     इलेक्ट्रिकल सर्किट में बहोत से लोड होते हे जैसे की बल्ब ,पंखा ,अपने घर के कई उपकरण जो इलेक्ट्रिकल सर्किट के बीच में होते हे। जिसके रेसिस्टेन्स अलग अलग होते हे और वही रेसिस्टेन्स का रूप होते हे 

Tuesday, 7 February 2017

अवाहक (insulator )

अवाहक 



               जिस वास्तु में से इलेक्ट्रिसिटी प्रवाहित ना हो सके वह वस्तु को अवाहक कहा जाता हे। उदाहरण के तौर पर लकड़ी,पीवीसी ,रबर ,अवाहक  हे उसमे से इलेक्ट्रिसिटी प्रवाहित  सकती उसको  छूने से हमको करंट नही लगता अवाहक  को अंग्रेजी में इंसुलेटर कहा जाता हे। इलेक्ट्रिकल विभाग में यह बहोत उपयोगी हे 
                 याने की इलेक्ट्रिसिटी को अपने में से नही गुजरने देने वाली वस्तु को अवाहक कहा जाता हे। 

Monday, 6 February 2017

वाहक (condoctor )

वाहक 

           इलेक्ट्रान को प्रवाहित करनवाले वाहक कहा जाता हे फिर वह एक धातु हो सकता हे ,या फिर कोई और वस्तु पर जो इलेक्ट्रिसिटी का वहन करने योग्य हो उसे वाहक कहा जाता हे। जैसे धातु में सोना ,चांदी ,ताम्बा ,अल्युमिनियम वगैरा पानी भी वाहक ही हे 
           जिसमे से इलेक्ट्रिसिटी आसानी से प्रवाहित हो सके उसे वाहक कहा जाता हे। 

Saturday, 4 February 2017

ERTHING

ERTHING


                      Electricity is beneficial for us, but its loss is even more. Electricity can take our lives even if it does not go well. Now we can not get away from electricity because electricity has become part of our life. Light in the darkness, fan in the heat, so much of the electricity around us that we They even use it inadvertently. Along with this, the risk goes up. For this reason, we must definitely adopt a path of goodwill which can secure us and our own electricity so we must definitely do our work in our home to avoid all these. But first, do you know what the meaning is?



 What is Erthing?


           We have so many electric appliances in our house around us that sometimes we have been using it. Therefore the electrical equipment is in contact with our body, and therefore whenever there is a fault in the instrument then the body of the instrument comes in contact with us, so that the current passes through our body and we feel shock O sometimes, shocks become deadly. That's why we should have an orthography in our house. By doing the orthographic, the shock that we were going to get was rather than going to our body. E becomes o. He goes down to the ground and we do not seem to be dead
              Saying in simple words, the etching involves the connection of electrical equipment to the ground.                It is shown in this picture that how the body of the motor was directly connected to the ground, now suppose that when the motor body is short, then it goes straight into the ground.How to do it           We have so many electric appliances in our house around us that sometimes we have been using it. Therefore the electrical equipment is in contact with our body, and therefore whenever there is a fault in the instrument then the body of the instrument comes in contact with us, so that the current passes through our body and we feel shock O sometimes, shocks become deadly. That's why we should have an orthography in our house. By doing the orthographic, the shock that we were going to get was rather than going to our body. E becomes o. He goes down to the ground and we do not seem to be dead              Saying in simple words, the etching involves the connection of electrical equipment to the ground.                It is shown in this picture that how the body of the motor was directly connected to the ground, now suppose that when the motor body is short, then it goes straight into the ground.How to do it

           We have so many electric appliances in our house around us that sometimes we have been using it. Therefore the electrical equipment is in contact with our body, and therefore whenever there is a fault in the instrument then the body of the instrument comes in contact with us, so that the current passes through our body and we feel shock O sometimes, shocks become deadly. That's why we should have an orthography in our house. By doing the orthographic, the shock that we were going to get was rather than going to our body. E becomes o. He goes down to the ground and we do not seem to be dead              Saying in simple words, the etching involves the connection of electrical equipment to the ground.                It is shown in this picture that how the body of the motor was directly connected to the ground, now suppose that when the motor body is short, then it goes straight into the ground.How to do it           We have so many electric appliances in our house around us that sometimes we have been using it. Therefore the electrical equipment is in contact with our body, and therefore whenever there is a fault in the instrument then the body of the instrument comes in contact with us, so that the current passes through our body and we feel shock O sometimes, shocks become deadly. That's why we should have an orthography in our house. By doing the orthographic, the shock that we were going to get was rather than going to our body. E becomes o. He goes down to the ground and we do not seem to be dead              Saying in simple words, the etching involves the connection of electrical equipment to the ground.                It is shown in this picture that how the body of the motor was directly connected to the ground, now suppose that when the motor body is short, then it goes straight into the ground.How to do it                 As I eat eating it is connected to the equipment's ground. To make earthing, a crater is made in the ground, it is taken as a carrier, and is thrown into the pit. Coal and salt are also added in the pit after the cable connects with the cable and it is connected to the equipment. Coal keeps moisture in the ground and reduces salt resistance.
                  There are two ways of doing anthring.
                  There are two ways of doing anthring.


1 Pipe Erthing:

             

                          In this type of earthing, a 2.5 meter galvanis is dug into a pit of 3 meters, one end is placed on the outside of the ground and coal, salt and black soil in the pit which are considered as good for etching. The pipes are trimmed by mixing the three, as described in the above figure and a tank is placed on top of it, in which the connector is placed, which means to make a meaningful meaning Takes equipment had tap water is above is linked to O, which sometimes causes strong is that Arthing is Phochaya water into the ground in summer O



2 plate Erthing:




                       In this type of etching, a 2.5 * 2.5 ft galvanis plate is attached to the gas welding or nut bolt from a carrier or coil wire and plated it with coal and salt soil in the pit. And the carrier connected with it gets out of the ground, a tank is made there. And from there the device is connected to the body of its giving.

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SOLAR POWER PLANT

SOLAR POWER PLANT 



हेल्लो दोस्तों आज हम जानेंगे सोलर पावर प्लांट के बारे में ,सोलर प्लांट में सूर्य प्रकाश से इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न की जाती हे ,सभी पावर प्लांट के तरह इस प्लांट में न टर्बाइन  होता हे न जनरेटर सिर्फ एक सोलर प्लेट से ही ऊर्जा उत्पन्न की जाती हे। सोलर प्लेट में उत्पन्न होने वाली ऊर्जा कम होती हे इस लिए बहोत साडी सोलर प्लेट को एक कर ऊर्जा क्षमता बढाई जाती हे सोलर पैनल बनाई जाती हे जिसमे सोलर सेल होते हे यह सेल सौर ऊर्जा को इलेक्ट्रिसिटी में रूपांतर करता हे फिर ट्रांफॉर्मर के माध्यम से वोल्टेज बढ़ कर सबस्टेशन में भेज दी जाती हे और फिर हमारे घर की तरफ यह तरीका प्रदूषण रहित हे और यह बेहद सस्ती भी हे आज कल सोलर पावर प्लांट का उपयोग ज्यादा देखने को मिलता हे क्योंकि इसमें मेन्टेनेन्स भी कम होता हे


सोलर प्लांट में दिक्कत ये रहती हे की वह दिन की रौशनी में ही इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न कर सकती हे। जब की रत के समय अथवा जब मौसम ख़राब चल रहा हो याने की बारिश के समय में इलेक्ट्रिसिटी हमें नही मिल पाती पर दिन के समय में बिना कुछ खर्च किये इलेक्ट्रिसिटी मिल जाती हे.


भारत के प्रमुख सोलर पावर प्लांट 

  1. किमुठी सोलर पावर प्रोजेक्ट ६४८ mv (तमिलनाडु)
  2. चारणका सोलर पार्क (गुजरात )
  3. सकरी सोलर प्लांट १२५ mv  (महाराष्ट्र )
  4. वेल्सपुन सोलर प्रोजेक्ट १५१ mv (मध्य प्रदेश )
  5. धीरूभाई अम्बानी सोलर पार्क (राजस्थान)
तो यह थे प्रमुख सोलर प्लांट इंडिया के यहाँ पर mv  का मतलब मेगा वाल्ट हे। 

wind power plant

WIND POWER PLANT 




हेल्लो दोस्तों आज हम चर्चा करेंगे विंड पावर प्लांट की तो इसमें भी सिद्धान्त तो वही हे की किसी तरह जनरेटर को गुमा  कर  इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न की जाये जिसमे विंड में हवा से टर्बाइन गुमाया जाता हे आप ने पवनचक्की देखी होगी वही विंड पावर प्लांट हे
जिसमे टर्बाइन  ही पवनचक्की की ब्लेड के साथ जोड़ दी जाती हे। गति से आती हुई हवा के धक्के से ब्लेड को धक्का लगने से पूरा पंख गुमता हे जिससे उसके साथ में लगा हुआ जनरेटर भी गुमता हे इससे इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न होगी अब उसको भी ट्रांसफॉर्मर से उच्च वोल्टेज में रूपांतर कर सबस्टेशन में भेज दिया जाता हे और फिर वहां से अपने घर तक सप्लाई पहोचती हे 



इस चित्र में पवनचक्की के सारे पार्ट्स का वर्गीकरण किया गया हे आप इसको देख कर जान सकते हे 

भारत के प्रमुख विंड पावर प्लांट 

  1. मूप्पनदल विंड फार्म  १५०० mv (तमिल नाडु )
  2. जैसलमेर विंड पार्क १०६४ mv  (राजस्थान )
  3. ब्रह्मणवेल विंड फार्म   (महाराष्ट्र )
  4. दामनजोड़ी विंड फार्म ९९ mv (उड़ीसा )
  5. तुप्पदाहल्ली विंड फार्म ५६.१mv (कर्नाटक)
     यहाँ पर mv  का मतलब मेगा वाल्ट हे। 

Friday, 3 February 2017

Hydroelectric power plant

HYDROELECTRIC POWER PLANT



               हेल्लो दोस्तों नमस्कार आज हम जानेंगे हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट के विषय में यह एक बिलकुल आसान तरीका हे इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न करने का जैसा की हम जानते हे की जनरेटर को गुमाने पर विध्युत उत्पन्न होती हे वही माध्यम इस तरीके में उपयोग किया जाता हे जैसा की आप ऊपर के चित्र में देख रहे हे एक नदी पर अगर बांध बनाकर पानी का फ्लो बना कर टर्बाइन की ब्लेड पर छोड़ा जाये तो टर्बाइन पानी के धक्के से गुमता हे और फिर टर्बाइन के साथ जनरेटर जोड़ दिया जाये तो वह जनरेटर भी गुमेगा और इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न होगी बीएस वही सिद्धान्त हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट में उपयोग होता हे ऐसा प्लांट बड़े बड़े डेम पर बनाये जाते हे जहा पानी संगृहीत किया होता हे आप चित्र में देख रहे हे की एक साइड पर डेम के पानी को संगृहीत कर एक नाली बना कर पानी को सीधा  तरफ बहाया जाता हे जिससे पानी के बहने की गति बढाई जाये अब वह पर आगे की तरफ टर्बाइन लगाई हुई हे जैसे ही पानी टर्बाइन पर पड़ता हे टर्बाइन गुमेगी और इसके साथ जोड़ा हुआ जनरेटर भी गुमेगा जो की ac जनरेटर होता हे। अब उत्पन्न हुए इलेक्ट्रिसिटी जोकि 11 kv हे उसे ट्रांसफार्मर के माध्यम से उच्च votlag में परिवर्तित कर सबस्टेशन में भेजा जाता हे और फिर वहां से हमारे घर के लिए भेज दिया जाता हे 
                 तो ऐसे काम करता हे हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन और ये हे टर्बाइन 

भारत के प्रमुख हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट 

  1. टेहरी डैम  २४०० mv  (उत्तराखंड )
  2. श्रीसैलम डैम  १६७० mv  (आंध्रप्रदेश )
  3. सरदार सरोवर १४५० mv (गुजरात )
  4. नाथपा झकरी १५०० mv  (हिमाचल प्रदेश )
  5. भाखर डैम 1325mv  (पंजाब )
  6. कालिन्दी १२५० mv (कर्नाटक )
  7. शरावती १४६९ mv  (कर्नाटक )
  8. कोयना १९२० mv (महाराष्ट्र )
  9. इंदिरा सागर १००० mv (मध्य प्रदेश )
  10. देहर ९९० mv (हिमाचल प्रदेश )


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tharmal power station

थर्मल पावर प्लांट :


         हेल्लो दोस्तों आज हम जानेंगे थर्मल पावर स्टेशन के बारे में ये आधारित होता हे बाष्प पर ,यानि की पानी को गर्म किया जाता हे उसके लिए कोयला ,डीज़ल ,जैसे ईंधन की जरुरत पड़ती हे और पानी की जरुरत पड़ती हे ये प्लांट वहां स्थापित किया जाता हे जहा पर पानी और ईंधन की पूर्ति आसानी से हो सके इस प्लांट में एक जगह पर ईंधन को जलाया जाता हे जिससे गर्मी पैदा होती हे फिर वहां से  पानी को गुजारा जाता हे तब गर्मी से पानी भाप बन जाती हे। भाप को बॉईलर में भेज जाता हे। अब बॉईलर से उस भाप को प्रेशर के रूप में एक टर्बाइन की ब्लेड  पर छोड़ा जाता हे। जिससे टर्बाइन गुमता हे 
            उस टर्बाइन से जनरेटर को जोड़ा हुआ होता हे जब टर्बाइन गुमता हे तब जनरेटर भी गुमता  हे जिससे जनरेटर में इलेक्ट्रिसिटी पैदा होती हे जो ११ kv होती हे अब उस ११ kv को स्टेप उप ट्रांसफार्मर द्वारा उच्च वोल्टेज में रूपांतर किया जाता हे और फिर सबस्टेशनों में भेज दिया जाता हे जहा से फिर हमारे घर तक सप्लाई पहोंचाइ  जाती हे। 

भारत के प्रमुख पावर प्लांट

  1. विध्यांचल थर्मल पावर स्टेशन  4760 mv (मध्य प्रदेश )
  2. मुन्द्रा थर्मल पावर स्टेशन 4620 mv         (गुजरात )
  3. मुन्द्रा अल्ट्रा मेगा पावर प्लांट 4000 mv ( गुजरात )
  4. तालचर सुपर थर्मल पावर स्टेशन 3000 mv (ओडिसा )
  5. सीपत  थर्मल पावर प्लांट 2980 mv (छत्तीसगढ़ )
  6. NTPC दादरी 2637 mv (उत्तर प्रदेश )
  7. NTPC रामागुंडम 2600 mv (आंध्र प्रदेश )
  8. कोबरा सुपर थर्मल पावर प्लांट 2600 mv (छत्तीसगढ़ )
  9. रिहंद थर्मल पावर स्टेशन 2500 mv (उत्तर प्रदेश )
  10. झारसुगुड़ा थर्मल पावर प्लांट 2400 mv (ओडिसा )
(यहाँ पर mv का मतलब mega volt हे। )


power station

   
power station :  

             हेल्लो दोस्तों आज हम जानेंगे पावर स्टेशन के बारे में पावर स्टेशन याने जहा पर इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न होती हे याने की जहा पर विध्युत पैदा (जनरेट ) की जाती हे और जहा से भेजी जाती हे सबस्टेशन (सबस्टेशन) में और वह से हमारे मकान तक याने की पावर स्टेशन इलेक्ट्रिसिटी का जन्म स्थान हे.पावर स्टेशन में बड़े बड़े जनरेटरों से इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न की जाती हे। पावर स्टेशन में टर्बाइन को जनरेटरों से जोड़ा जाता हे फिर टर्बाइन को किसी प्रकार से धक्का दे क्र गुमाया जाता हे जिससे जनरेटर भी गुमता हे और इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न होती हे। पावर स्टेशन में दिन रात इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न करने का काम होता रहता हे। ताकि हम तक इलेक्ट्रिसिटी पहोंचाइ जा सके 

 power station के प्रकार :

         अब हम जानेंगे पावर स्टेशन के प्रकार के बारे में ,इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न करने के लग अलग साधन की वह से पावर स्टेशन के अलग अलग प्रकार में रूपांतर किया गया हे।     
         पावर स्टेशन 4  प्रकार के होते हे। 
         
    1.थर्मल पावर स्टेशन  (जिसमे कोयले की मदद से इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न होती हे )
    2.हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर स्टेशन (जिसमे पानी से इलेक्ट्रिसिटी पैदा की जाती हे )
    3.विंड पावर स्टेशन (जिसमे हवा से इलेक्ट्रिसिटी पैदा की जाती हे)
    4.सोलर पावर स्टेशन (जिसमे सूर्य प्रकाश से इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न की जाती हे )

Thursday, 2 February 2017

परिचय

       हेल्लो दोस्तों मेरा नाम धवल भावसार हे। और में गुजरात का रहेनेवाला हु। और में एक सरकारी इलेक्ट्रिकल डिपार्टमेन्ट में कार्य करता हु। 
       आज के दौर में इलेक्ट्रिसिटी हमारे जीवन का भिन्न हिस्सा बन गई हे। उसके बिना का जीवन हम सोच भी नही सकते हर जगह हमे इलेक्ट्रिकल चीजे देखने को मिल जाती हे वास्तव में इलेक्ट्रिसिटी से हमारे काम काज और सरल हो जाते हे और हमारे जीवन में सहूलियत भी इलेक्ट्रिसिटी से ही होती हे जैसेकि गर्मी लगी तो पंख चला दिया ,बोर हुए तो टीवी ,रेडियो,वगैरा चला दिया ,और भी कई सारे उदाहरण हमें आस पास देखने को मिल जायेंगे हमारी जीवन कल में इलेक्ट्रिसिटी का योगदान महत्वपूर्ण हे ,उसकी उपयोगिता तभी पता चलती हे जब powercut होता हे सच उस वक्त ऐसा लगता हे की power कब आएगी? क्या हो गया? सच में आज हम इलेक्ट्रिसिटी के बिना अधूरे हे। 
         मेरा उद्देश हे के हर कोई इलेक्ट्रिसिटी के प्रति जानकर हो ,और कभी भी जरूरत के समय में इलेक्ट्रिसिटी का काम काज कर पाए ,इलेक्ट्रिसिटी के प्रति हमारा डर ख़त्म हो और इलेक्ट्रिसिटी के प्रति हमारी भावना बढे ,इलेक्ट्रिसिटी को भविष्य के लिए बचाये इलेक्ट्रिसिटी को समजे,और इलेक्ट्रिसिटी की सभी जानकारिया आम इंसान तक पहोचे  ताकि हर कोई इलेक्ट्रिसिटी के प्रति जाग्रुत हो। इस लिए इस पोस्ट के माध्यम में सभी जानकारी में आप तक पहोचाने जा रहा हु। 
         आशा करता हु में मेरे पोस्ट आपको पसंद आएंगे और आपको कुछ जानकारी मिलेगी ,अगर आपके मन में कुछ सवाल हो तो कमेंट बॉक्स में मुझे लिख सकते हे धन्यवाद