Hydroelectric power plant

HYDROELECTRIC POWER PLANT



               हेल्लो दोस्तों नमस्कार आज हम जानेंगे हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट के विषय में यह एक बिलकुल आसान तरीका हे इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न करने का जैसा की हम जानते हे की जनरेटर को गुमाने पर विध्युत उत्पन्न होती हे वही माध्यम इस तरीके में उपयोग किया जाता हे जैसा की आप ऊपर के चित्र में देख रहे हे एक नदी पर अगर बांध बनाकर पानी का फ्लो बना कर टर्बाइन की ब्लेड पर छोड़ा जाये तो टर्बाइन पानी के धक्के से गुमता हे और फिर टर्बाइन के साथ जनरेटर जोड़ दिया जाये तो वह जनरेटर भी गुमेगा और इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न होगी बीएस वही सिद्धान्त हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट में उपयोग होता हे ऐसा प्लांट बड़े बड़े डेम पर बनाये जाते हे जहा पानी संगृहीत किया होता हे आप चित्र में देख रहे हे की एक साइड पर डेम के पानी को संगृहीत कर एक नाली बना कर पानी को सीधा  तरफ बहाया जाता हे जिससे पानी के बहने की गति बढाई जाये अब वह पर आगे की तरफ टर्बाइन लगाई हुई हे जैसे ही पानी टर्बाइन पर पड़ता हे टर्बाइन गुमेगी और इसके साथ जोड़ा हुआ जनरेटर भी गुमेगा जो की ac जनरेटर होता हे। अब उत्पन्न हुए इलेक्ट्रिसिटी जोकि 11 kv हे उसे ट्रांसफार्मर के माध्यम से उच्च votlag में परिवर्तित कर सबस्टेशन में भेजा जाता हे और फिर वहां से हमारे घर के लिए भेज दिया जाता हे 
                 तो ऐसे काम करता हे हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर स्टेशन और ये हे टर्बाइन 

भारत के प्रमुख हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट 

  1. टेहरी डैम  २४०० mv  (उत्तराखंड )
  2. श्रीसैलम डैम  १६७० mv  (आंध्रप्रदेश )
  3. सरदार सरोवर १४५० mv (गुजरात )
  4. नाथपा झकरी १५०० mv  (हिमाचल प्रदेश )
  5. भाखर डैम 1325mv  (पंजाब )
  6. कालिन्दी १२५० mv (कर्नाटक )
  7. शरावती १४६९ mv  (कर्नाटक )
  8. कोयना १९२० mv (महाराष्ट्र )
  9. इंदिरा सागर १००० mv (मध्य प्रदेश )
  10. देहर ९९० mv (हिमाचल प्रदेश )


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